हर किसी का अपनी लाइफ में एक सपना होता है की आगे जाकर कुछ न कुछ बने और इसके लिए कड़ी मेहनत भी करते है। कुछ लोग इंजीनियर बनना चाहते है तो कुछ कलेक्टर बन कर के देश के लिए सेवा करना चाहते है और अपना नाम रोशन करना चाहते है लेकिन कलेक्टर बनना उतना आसान भी नहीं है इसके लिए काफी कड़ी मेहनत और पूरी ईमानदारी से पढ़ाई करना भी बहुत जरूरी है।
और उस सफलता तक पहुंचने के लिए, सबसे पहले उस सक्सेस के रोडमैप को जानना बेहद ही ज़रूरी है वहीं कुछ स्टूडेंट तो 12th के बाद ही अपना टारगेट बना लेते है कि उन्हें कलेक्टर बनना है लेकिन कुछ स्टूडेंट्स को, इस बारे में जानकारी नहीं होती की 12वीं के बाद कलेक्टर कैसे बने? जो की इस लेख के माध्यम से आप विस्तार से जानेंगे।
12वीं के बाद कलेक्टर कैसे बने | 12th Ke Baad Collector Kaise Bane
जैसा कि आपको पता होगा की कलेक्टर जिले का उच्च अधिकारी होने के साथ, कई जिम्मेदारियां से भरा हुआ है जिसमे IAS भारत की सर्वश्रेष्ठ पढ़ाई में से एक मानी जाती है इस परीक्षा को पास करने के लिए हर साल लाखों छात्र इस एग्जाम को देते है लेकिन सिर्फ़ गिने चुने छात्र ही इस परीक्षा को निकाल पाते है।
12वीं के बाद कलेक्टर बनने के लिए क्वालिफिकेशन
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 12th के बाद डायरेक्ट ही कलेक्टर नहीं बना जा सकता, इसके लिए कैंडिडेट को कुछ स्टेज से गुजरने के साथ, एलिजिबल भी होना पड़ता है जो स्टेप बाई स्टेप नीचे बताए गए हैं –
- सबसे पहले बारहवीं कक्षा को किसी भी विषय से पास करें।
- 12वीं क्लास पास कर लेने के बाद, किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन को पूरी करे जिसमे आपकी अधिक रूचि हो क्योंकि कलेक्टर बनने के लिए कैंडिडेट का ग्रेजुएट होना बहुत ही ज़रूरी है।
- ग्रेजुएशन पूरी कर लेने के बाद UPSC परीक्षा की तैयारी करे (आप चाहे तो 12वीं के बाद भी तैयारी शुरू कर सकते हैं।) उसके बाद UPSC एग्जाम के लिए अप्लाई करें।
कलेक्टर बनने के लिए परीक्षा पैटर्न
UPSC हर साल भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा को कंडक्ट करवाती है और हर साल करीब 24 सर्विसेस देने के लिए परीक्षा करवाती है जिसमे IAS, IPS, IFS इत्यादि पोस्ट आ जाती है जिसमे आपको UPSC की परीक्षा को पास करने के लिए तीन स्टेप को पूरा करना होगा जिसमे टॉप 100 छात्रों में अपनी रैंक लाने का प्रयास करें।
1) प्रारंभिक परीक्षा (Prelims Exam)
प्रीलिम्स एग्जाम में कैंडिडेट को दो पेपर देने होते है जिसमे पहला पेपर GS 1, 100 क्वेश्चन और GS 2 में 80 Questions होते है इन दोनों ही पेपर में वस्तुनिष्ठ प्रकार के सवाल होते है जिन्हे OMR सीट के द्वारा भरकर देना होता है और दोनों पेपर के लिए 2-2 घंटे का टाइम दिया जाता है जो ऑफलाइन होने के साथ, 250 – 250 अंको के होते है।
2) मुख्य परीक्षा
मुख्य परीक्षा लिखित होती है जिसमे 9 पेपर देने होते है –
- Essay
- General Studies 1
- GS 2
- GS 3
- GS 4
- Optional Paper 1
- Optional Paper 2
- Language Paper (Qualifying)
- Compulsory English (Qualifying)
पहले के 7 पेपर के अंको के आधार पर ही इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।
3) इंटरव्यू – दोनों परीक्षा को पास करने के बाद अभ्यर्थी को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है यह कुल 275 अंको का होता है।
UPSC IAS की परीक्षा को पास कर लेने के बाद इन्हें रैंक के आधार पर अलग अलग क्षेत्रों में भेजा जाता है जैसे की डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (DM), SDM इत्यादि और भी कई सारे पद होते है जो की UPSC की परीक्षा को निकालने के बाद दिए जाते है साथ ही प्रत्येक कलेक्टर का काम अपने क्षेत्र में अलग अलग होता है अगर आप इस परीक्षा को पास कर टॉप 100 छात्रों में अपनी रैंक ले आते है तो इसके बाद आपको LBSNAA में ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता है जिसमें प्रशिक्षण कुछ महीने का होता है और काफी लोगों का यहां तक पहुंचने का सपना भी है।
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ट्रेनिंग पूरी कर लेने के बाद, आपको SDM के पद पर एक से दो साल के लिए रखा जाता है फिर प्रोमोशन कर कलेक्टर के पद पर कार्यरत कर दिया जाता है यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत के साथ पर्याप्त समय और धैर्य की आवश्यकता होती है आगे हम समय के बारे में भी चर्चा करेंगें।
12वीं के बाद कलेक्टर बनने में कितने साल लगते हैं?
कलेक्टर बनना कोई निश्चित अवधि का कोर्स नहीं है और IAS बनने के लिए कितने साल लगते है इसका भी कोई निर्धारण नहीं है यह निर्भर करता है कि आपकी तैयारी किस स्तर तक हो चुकी हैं और क्या आपकी तैयारी UPSC की परीक्षा को पास करने के योग्य हो चुकी है अगर फिर भी हम एक अनुमान से औसतन समय की बात करे तो किसी छात्र को कलेक्टर बनने में लगभग 6 से 7 वर्ष का समय लग ही जाता है जिसमें प्रत्येक छात्र को 18 से 22 महीने तो केवल UPSC के सिलेबस को पूरा करने में लग जाते है।
कलेक्टर बनने के लिए 12वीं के बाद कोन सा सब्जेक्ट लेना चाहिए?
यह सवाल बहुत से स्टूडेंट पूछते है कि वह 12th के बाद कोन सा सब्जेक्ट ले, जो की UPSC की परीक्षा में लाभदायक हो सके। एसी कोई requirement तो नही होती है आप अपनी फील्ड के अनुसार भी सब्जेक्ट ले सकते हैं उससे कोई समस्या नहीं होगी।
वैसे तो अगर आप कोई भी सब्जेक्ट लेते है तो लगभग सभी सब्जेक्ट के थोड़े थोड़े सवाल देखने को मिल जाते हैं फिर चाहे वह b.tech, B.sc, B.com या B.A हो। लेकिन अगर आप ऐसा सोचते है की वह सब्जेक्ट आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो, तो आप B.A ले सकते हैं क्यूंकि इसमें इतिहास, राजनीति, भूगोल आदि से थोड़े अधिक सवाल पूछे जाते है।
कलेक्टर बनने के लिए कितनी उम्र होनी चाहिए?
जैसे ही आपकी उम्र 21 साल की होती है आप UPSC की परीक्षा को देने के पात्र हो जाते है –
- SC/ST के लिए उम्र 21 से 37 साल तक है और इस कैटेगरी के स्टुडेंट कई बार इस एग्जाम को अटेम्प्ट कर सकते हैं।
- OBC के लिए उम्र 21 से 35 साल तक है और इस कैटेगरी के स्टुडेंट 9 बार इस एग्जाम को अटेम्प्ट कर सकते है।
- सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 से 32 वर्ष है और इस कैटेगरी के स्टुडेंट 6 बार इस एग्जाम को अटेम्प्ट कर सकते हैं।
कलेक्टर का इंटरव्यू कैसे होता है?
लोगों के मन में अक्सर ये भ्रांतियां होती है की शायद ये व्यक्तित्व परीक्षण (personality test) इंटरव्यू केवल तेज़ बुद्धि वाले विद्यार्थियों के मतलब की चीज है लेकिन ऐसा नहीं है UPSC आपके व्यक्तित्व को जांचता है कि आप एक कलेक्टर जैसे महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत होने के लायक है भी या नहीं?
हालाकि सबसे पहले UPSC स्वयं ही ही बता देता है। अगर आप UPSC के नोटिफिकेशन को देखें तो उस नोटिफिकेशन में साक्षात्कार में क्या जांचा जाएंगा इसकी भी घोषणा करता है।
इस घोषणा में पहला वाक्य तो यह साफ साफ बताता है कि यह एक व्यक्तित्व परीक्षण है। यह कोई पूछताछ नहीं है इसका मतलब यह है कि ऐसा नही है की UPSC भी यह मान कर चल रहा है की आपने बहुत सारी चीज़ें छिपा रखी है और वह इन प्रस्नोतर में, पूरे इंटरव्यू में आपसे पूछने या उन बातों को निकालने की कोशिश करता है। नहीं!
यह केवल आपको अपनें व्यक्तित्व को प्रस्तुत करना है और UPSC के उस बोर्ड को ये जांचना की आपके अंदर व्यक्तित्व के वे कोन कोन से गुण है जो शायद इन सेवायों के लिए उपयुक्त है यह परीक्षण बताने की कोशिश करेगा की आप तार्किकता और संवेदनशीलता से भरे हुए है की नहीं।
FAQ’s
कलेक्टर बनने के लिए कितना रैंक होना चाहिए?
बहुत से छात्र के मन में यह सवाल की कलेक्टर का पद उन्हे कितनी रैंक लाने पर मिल सकता हैं तो यह सीटों की संख्या एवं उम्मीदवार के वर्ग पर निर्भर करता है। हर साल के डाटा में कुछ परिवर्तन होता है क्योंकि प्रतिस्पर्धा प्रत्येक वर्ष बढ़ रही है।
फिर भी साधारण तौर पर बताया जाए तो 100 के अन्दर रैंक लाने पर आप कलेक्टर बन सकते हैं। सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए ओसत 75 के अंदर रैंक लाने पर IAS पद मिल सकता हैं।
जिला कलेक्टर की 1 महीने की सैलरी कितनी होती है?
आईएएस अधिकारियों के पद पर चयनित ऑफिसर को सातवें वेतन आयोग के अनुसार शुरु में ₹56,100 प्रति माह मूल वेतन दिया जाता है वह है आईएएस अधिकारियों को यात्रा भत्ता और महंगाई भत्ता सहित कई अन्य भत्ते भी दिए जाते हैं एवं अनुभव होने के साथ यह वेतन बढ़ता जाता हैं।
एक जिले में कितने कलेक्टर होते हैं?
यह कुछ स्थिति पर निर्भर करता है जैसे वह जिला कितना बड़ा है एवं वह केवल एक जिला है या एक संभाग के रूप में हैं लेकिन एक सामान्य जिले में एक ही कलेक्टर होता हैं।
Conclusion
आशा करता हूं की आपको 12वीं के बाद कलेक्टर कैसे बने के बारे में जानकारी पसंद आई होंगी और आपके मन में कलेक्टर बनने से संबंधित जितने में सवाल थे मैने उनके उत्तर देने का प्रयास किया है। इस ऑर्टिकल में पूरी जानकारी के साथ बताया गया है कि 12वीं के बाद कलेक्टर कैसे बने? तथा कोन सी परीक्षा देनी होती है।